The best Side of sidh kunjika



देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥

ओं अस्य श्री कुञ्जिका स्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ओं ऐं बीजं, ओं ह्रीं शक्तिः, ओं क्लीं कीलकम्, मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

Salutations into the one who's angry, salutations for the killer of Madhu, Salutations to 1 who was victorious in excess of Kaitabha, salutations to your killer of Mahisha  

जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका check here स्तोत्र के लाभ

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